स्टॉक मार्केट के बारे में आपने कई बार सुना होगा कि आज मार्केट ऊपर गया तो कल मार्केट डाउन था। इसका मतलब जानते हैं आप कि ये स्टॉक मार्केट की परफॉर्मेंस को दिखाता है कि वो स्ट्रांग है या वीक और ये बताने का काम करते हैं इंडेक्स, जिसकी परफॉर्मेंस को देखकर स्टॉक मार्केट की हेल्थ का पता लगाया जा सकता है। स्टॉक मार्केट इंडेक्स, स्टॉक मार्केट के एक सेक्शन की वैल्यू का मेज़रमेंट है और इसकी कैलकुलेशन सिलेक्टेड शेयर्स की प्राइस से की जा सकती है। यह एक टूल है, जिसका उपयोग करके इन्वेस्टर्स मार्केट को डिस्क्राइब करते हैं और स्पेसिफिक इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न कंपेयर करते हैं।
स्टॉक मार्केट इंडेक्स का महत्व
इंडेक्स के बारे में और क्लीयरली समझते हैं। आप जानते होंगे कि स्टॉक एक्सचेंज पर हजारों कंपनियाँ लिस्टेड हैं। ऐसे में एक समय पर मार्केट की परफॉर्मेंस इवैल्यूएट करने का सोचें तो हर एक स्टॉक को ट्रैक करना संभव नहीं है। इसलिए इन लिस्टेड कंपनियों में से एक छोटा सा सैंपल लिया जाता है, जो पूरे स्टॉक मार्केट को रिप्रेजेंट करता है और इसी स्मॉल सैंपल को इंडेक्स कहते हैं, जो स्टॉक मार्केट के एक सेक्शन की वैल्यू मेज़र करने में मदद करता है।
भारतीय स्टॉक मार्केट के दो प्रमुख इंडेक्स
भारतीय स्टॉक मार्केट के दो प्रमुख इंडेक्स हैं – सेंसेक्स और निफ्टी।
- सेंसेक्स: यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का मार्केट इंडेक्स है।
- निफ्टी: यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का इंडेक्स है।
ये दोनों स्टॉक मार्केट इंडेक्स स्टॉक मार्केट की वैल्यू और स्ट्रेंथ को निर्धारित करते हैं और ये दोनों इंडेक्स बड़ी कैप स्टॉक्स को टारगेट करते हैं।
सेंसेक्स इंडेक्स और इसकी कैलकुलेशन
सेंसेक्स में 30 कंपनियाँ शामिल होती हैं, जो कि बड़े सेक्टर की स्थापित और फाइनेंशली स्ट्रॉन्ग कंपनियाँ होती हैं। सेंसेक्स पर आने वाली कंपनी का सिलेक्शन कई क्राइटेरियाज के आधार पर होता है जैसे कि कंपनी बड़ी कैप है या नहीं, कंपनी की लिक्विडिटी हाई है या नहीं, और कंपनी की हेल्दी बैलेंस शीट सॉलिड रेवेन्यू मार्जिन्स हैं या नहीं।
बड़ी कैप कंपनी की मार्केट कैप ₹20,000 करोड़ या उससे ज्यादा होती है, जैसे भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड, और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड आदि।
सेंसेक्स की कैलकुलेशन फ्री फ्लोट मेथड से की जाती है, जो 1 सितंबर 2003 से अस्तित्व में आई। इस इंडेक्स में शामिल होने वाली कंपनियाँ प्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन की बेसिस पर सिलेक्ट की जाती हैं। फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन में वो शेयर्स आते हैं, जो किसी विशेष व्यक्ति के पास नहीं होते और जो ट्रेडिंग के लिए फ्रीली अवेलेबल होते हैं।
सेंसेक्स का कैलकुलेशन फॉर्मूला
यदि सेंसेक्स ऊपर आता है, तो इसका मतलब है कि इस इंडेक्स के ज्यादातर शेयर्स की कीमतों में तेजी आई है और यदि सेंसेक्स नीचे जाता है, तो इसका मतलब है कि इस इंडेक्स की ज्यादातर कंपनियाँ अच्छे परफॉर्म नहीं कर पाई हैं।
सेंसेक्स की कैलकुलेशन के लिए बेस ईयर 1978-1979 है और बेस इंडेक्स वैल्यू 100 होती है।
सेंसेक्स कैलकुलेशन का फॉर्मूला है:सेंसेक्स=कुल फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशनबेस मार्केट कैपिटलाइजेशन×बेस इंडेक्स वैल्यू\text{सेंसेक्स} = \frac{\text{कुल फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन}}{\text{बेस मार्केट कैपिटलाइजेशन}} \times \text{बेस इंडेक्स वैल्यू}सेंसेक्स=बेस मार्केट कैपिटलाइजेशनकुल फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन×बेस इंडेक्स वैल्यू
निफ्टी इंडेक्स और इसकी कैलकुलेशन
निफ्टी में 50 कंपनियाँ शामिल होती हैं, जिन्हें निफ्टी 50 और सीएनएक्स भी कहा जाता है। यह एनएसई पर एक्टिवली ट्रेड करने वाली बड़ी कंपनियाँ हैं। यह ब्लू चिप कंपनियों का पैटर्न और प्रिंट्स को फॉलो करता है।
ब्लू चिप कंपनियाँ भारत की सबसे बड़ी, स्थापित और फाइनेंशली स्ट्रॉन्ग कंपनियाँ होती हैं। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।
निफ्टी कैलकुलेशन मेथड
निफ्टी की कैलकुलेशन स्टेट एंड मार्केट कैपिटलाइजेशन मेथड के जरिए की जाती है। इसका बेस पीरियड 3 नवंबर 1995 लिया गया है।
निफ्टी कैलकुलेशन के पहले स्टेप में सभी 50 कंपनियों की मार्केट कैपिटलाइजेशन की जाती है। फिर इसे इनवेस्टेबल वेट फैक्टर (IDF) से मल्टीप्लाई किया जाता है। फ्री फ्लोट मार्केट कैप को इंडिविजुअल स्टॉक को दिए गए वेट से मल्टीप्लाई किया जाता है।
निफ्टी इंडेक्स की कैलकुलेशन का फॉर्मूला है:इंडेक्स वैल्यू=करंट मार्केट वैल्यूबेस मार्केट वैल्यू×1000\text{इंडेक्स वैल्यू} = \frac{\text{करंट मार्केट वैल्यू}}{\text{बेस मार्केट वैल्यू}} \times 1000इंडेक्स वैल्यू=बेस मार्केट वैल्यूकरंट मार्केट वैल्यू×1000
निष्कर्ष
इस जानकारी के माध्यम से आपने स्टॉक मार्केट इंडेक्स और उसकी कैलकुलेशन को अच्छे से समझ लिया होगा। यह सभी कैलकुलेशन पहली बार सुनने में जटिल लग सकती हैं, लेकिन जैसे-जैसे आप स्टॉक मार्केट में आगे बढ़ेंगे, आपको इन प्रक्रियाओं को समझने में और आसानी होगी।