हम सभी को रिवॉर्ड्स और लाभ पसंद होते हैं, और ऐसा ही एक रिवॉर्ड है डिविडेंड, जो शेयर मार्केट से संबंधित है। डिविडेंड एक लाभ है जो कंपनियाँ अपने शेयरहोल्डर्स को देती हैं। डिविडेंड कई रूपों में इशू हो सकते हैं, जैसे कैश पेमेंट, स्टॉक्स या किसी अन्य रूप में। यह कंपनी के नेट प्रॉफिट पर निर्भर करता है, जिसे कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स के साथ शेयर करती है। डिविडेंड का निर्णय कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा लिया जाता है और इसे शेयरहोल्डर्स की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
यह पेमेंट पब्लिकली लिस्टेड कंपनियाँ अपने इनवेस्टर्स को देती हैं, क्योंकि इन्वेस्टर्स यानि शेयरहोल्डर्स ने कंपनी में अपना पैसा इनवेस्ट किया होता है। जब आपके पास डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स होते हैं, तो आपको कंपनी के प्रॉफिट का एक हिस्सा मिलता है। कंपनी का प्रॉफिट का अधिकांश हिस्सा कंपनी के पास रहता है, जिसे वे अपनी ग्रोथ के लिए उपयोग करती हैं, लेकिन बाकी का हिस्सा यदि कंपनी चाहे तो शेयरहोल्डर्स में वितरित कर सकती है।
कई बार ऐसा भी होता है कि कंपनी को प्रॉफिट नहीं हुआ होता, फिर भी वह डिविडेंड देती है, ताकि उसके डिविडेंड पेमेंट्स का रिकॉर्ड बिगड़े नहीं।
कंपनी के डिविडेंड देने का मुख्य कारण यह है कि यह फाइनेंशियल हेल्थ का संकेत होता है। इससे इन्वेस्टर्स आकर्षित होते हैं और जब कंपनी के सारे खर्चे कवर हो जाते हैं, तब बचे हुए पैसे को डिविडेंड के रूप में शेयर किया जाता है। ज्यादातर कंपनियाँ तब डिविडेंड देती हैं जब उनके पास ज्यादा कैपिटल रीइन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं होती। लेकिन हर कंपनी डिविडेंड नहीं देती, क्योंकि कुछ कंपनियों को अपनी ग्रोथ के लिए अपनी कमाई को रीइन्वेस्ट करना जरूरी होता है, और ऐसे में डिविडेंड का खर्चा उठाना संभव नहीं होता।
कुछ कंपनियाँ जैसे टेक्नोलॉजी और बायोटेक कंपनियाँ, ग्रोथ के लिए अपने प्रॉफिट को रीइन्वेस्ट करती हैं। ऐसे में इनवेस्टर्स को स्टॉक प्राइस में लाभ होता है, जिससे वे बिना डिविडेंड के लाभ प्राप्त करते हैं। डिविडेंड पर साधारण आय दरों पर टैक्स लगता है, जबकि स्टॉक के प्रॉफिट पर टैक्स तब लगता है जब वे बिकते हैं। इस तरह की कंपनियों में निवेश करके भी लाभ कमाया जा सकता है, बशर्ते सही कंपनी का चुनाव किया जाए।
बेस्ट डिविडेंड देने वाली कंपनियाँ
डिविडेंड देने वाली ज्यादातर कंपनियाँ स्थापित होती हैं, जिनका प्रॉफिट अच्छा होता है और जो नियमित रूप से डिविडेंड देती हैं। ये कंपनियाँ आमतौर पर विभिन्न उद्योगों से संबंधित होती हैं, जैसे कि बेसिक मटेरियल्स, तेल और गैस, बैंक, फाइनेंशियल हेल्थ, हेल्थकेयर, फार्मास्यूटिकल्स, यूटिलिटीज, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs), और मास्टर लिमिटेड पार्टनरशिप्स (MLPs)।
डिविडेंड्स का महत्व
डिविडेंड्स इन्वेस्टर्स को यह संदेश देते हैं कि डिविडेंड देने वाली कंपनी की स्थिरता और प्रॉफिट जनरेट करने की क्षमता मजबूत है। कंपनी का लाभ शेयरहोल्डर्स के लिए स्थिरता की पहचान बन जाता है, जिससे इन्वेस्टर्स का विश्वास बढ़ता है। डिविडेंड का महत्व इस बात से भी है कि यह कंपनियों के प्रोग्रेस में मदद करता है, और यही कारण है कि यह इतने महत्वपूर्ण होते हैं।
डिविडेंड से संबंधित महत्वपूर्ण तारीखें
डिविडेंड से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तारीखें होती हैं:
- अनाउंसमेंट डेट: इस दिन कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है।
- एक्स-डिविडेंड डेट: इस दिन से पहले शेयरहोल्डर को डिविडेंड के लिए योग्य होना चाहिए।
- रिकॉर्ड डेट: इस दिन कंपनी यह निर्धारित करती है कि कौन से शेयरहोल्डर्स डिविडेंड प्राप्त करने के पात्र हैं।
- पेमेंट डेट: इस दिन कंपनी डिविडेंड का भुगतान करती है।
डिविडेंड के प्रकार
- कैश डिविडेंड: यह सबसे सामान्य प्रकार होता है जिसमें कंपनी शेयरहोल्डर के अकाउंट में सीधे कैश ट्रांसफर करती है।
- स्टॉक डिविडेंड: इसमें कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स को अतिरिक्त शेयर देती है।
- डिविडेंड रीइन्वेस्टमेंट प्रोग्राम (DRIPs): इसमें इन्वेस्टर्स को कंपनी के शेयरों में डिस्काउंट पर डिविडेंड के रूप में स्टॉक रीइन्वेस्ट करने का मौका मिलता है।
- स्पेशल डिविडेंड: यह एक बार दिया जाने वाला डिविडेंड होता है, जो एक असामान्य या अतिरिक्त लाभ के रूप में होता है।
डिविडेंड निवेश की रणनीतियाँ
- हाई डिविडेंड यील्ड अप्रोच: इस रणनीति में उन कंपनियों में निवेश किया जाता है जो उच्च डिविडेंड देती हैं। यह निवेशक को नियमित आय का एक अच्छा स्रोत प्रदान करता है।
- हाई ग्रोथ रेट अप्रोच: इस रणनीति में उन कंपनियों में निवेश किया जाता है जिनका डिविडेंड कम होता है, लेकिन कंपनी का विकास तेजी से हो रहा होता है। इस तरह की कंपनियों में निवेश करने से भविष्य में अच्छा लाभ हो सकता है।
डिविडेंड सुरक्षा
निवेश करने से पहले यह जरूरी है कि आप डिविडेंड की सुरक्षा और कंपनी की स्थिति को जांचें। कंपनी की जोखिम और उसकी प्रोग्रेस की स्थिति का आकलन करें।
डिविडेंड पेआउट रेशियो
यह रेशियो यह दिखाता है कि कंपनी अपनी कमाई का कितना हिस्सा डिविडेंड के रूप में अपने शेयरहोल्डर्स को दे रही है। एक स्थिर कंपनी जो लगभग 50% डिविडेंड देती है, उसे सामान्यत: एक स्थापित और मजबूत कंपनी माना जाता है।
निष्कर्ष
अगर आप डिविडेंड के माध्यम से लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको सही कंपनियों का चुनाव करना होगा और डिविडेंड से संबंधित सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होगा।
नोट: अगर आप शेयर खरीदकर उन्हें बेचने का विचार कर रहे हैं तो आपको यह समझना होगा कि डिविडेंड से प्राप्त प्रॉफिट पर टैक्स लगता है। अगर स्टॉक्स को लंबी अवधि तक रखा जाता है तो टैक्स की दर कम होती है।
इस प्रकार, डिविडेंड से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ आपको मिल गई हैं। इनका उपयोग करके आप शेयर बाजार में निवेश करके प्रॉफिट कमा सकते हैं।